Wednesday 8 April 2009

नमस्ते.....

आखिरकार रोमन से देवनागरी पाने की यातना से मुक्ति मिल ही गई। यह सब कुछ संभव हुआ नवभारत टाईम्स में छपे अनुराग अन्वेषी के लेख से...। अभी इंस्क्रिप्ट की-बोर्ड पर गति आना बाकी है, फिर ब्लॉग लिखना ज्यादा नियमित हो पाएगा ऐसी खुद से उम्मीद है। एक राह पकड़ ली है मधुशाला मिल ही जाएगी। यदि आपमें से कोई भी मेरी तरह की समस्या से दो-चार हो रहा है तो मुझे मेल करें। यूँ कम्प्यूटर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है फिर भी अन्वेषी का लेख मेल कर सकती हूँ। अन्वेषी जी जहाँ कहीं भी हो उन्हें धन्यवाद पहुँचे.....शेष शुभ

9 comments:

  1. yadi ho sake to wah lekh mujhe mail kar deejiye. aapne email pata to diya nahin hai.

    my id: arkjesh.g@gmail.com

    Dhanyawad

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  2. हिन्दी टाइपिंग के लिए इन्स्क्रिप्ट एक तेज हवाई यात्रा की तरह है। कुछ दिन बाद आप देखेंगी कि कैसे की बोर्ड पर उंगलियाँ रखते ही दौड़ने लगती हैं। बिना किसी रुकावट के वैसे ही जैसे हम कागज पर बिना किसी रुकावट के लिखते चले जाते हैं। इन्स्क्रिप्ट पर आने के लिए बधाई। मेरा एक सुझाव है कि इन्स्क्रिप्ट टाइप करने वालों, सीखने वालों और सीखने की इच्छा रखने वालों को एक क्लब बना लेना चाहिए।

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  3. मैं इन्स्क्रिप्ट तो नहीं जानता, लेकिन "फोनेटिक" टाइपिंग करता हूँ। जैसे "anil" लिखोगे तो वह अपने आप "अनिल" हो जायेगा। मेरी अंग्रेजी कुंजीपटल पर पहले से ही सौ शब्द प्रति मिनट की गति थी। एक और keyboard layout सीखने में समय लग रहा था। तो रोमन फोनेटिक ही सरल लगता है मुझे। वो कहते हैं न, "आम खाओ, गुठलियाँ मत गिनो!"

    दिनेशराय जी ने अपनी टिप्पणी में बहुत काम की बात कही है। यदि एक ही तरह से हिंदी लिखने वाले लोग साथ-साथ मिलें, तो एक-दूसरे के अनुभव से बहुत कुछ सीखेंगे। कोई तकनीकी विशेषज्ञ यदि इसकी पहल करे तो क्या बात!

    सौफ्टवेयर सीखने में लगने वाले समय को कम करके हम हिंदी को अंतरजाल पर जल्द ही एक सशक्त संचार-माध्यम बना सकते हैं।

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  4. bahut badiya jaankari hai mujhe vo lekh jaroor mail karen mera id hai
    nirmla.kapila@gmail.com

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  5. बहुत अच्छी बात है अब आप नियमित रहिये ।

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  6. लफ्ज़ों की रफ़्तार की
    मुझको भी ये तरकीब सिखा दो
    र.वि.

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